अगर कोई भी छात्र आयुर्वेद में फार्मेसी करता है तो उसको पुराने समय से लेकर अब तक की सारे आयुर्वेद की जानकारी दी जाती है| सन 1969 में Indian government द्वारा इंडियन मेडिसिन तथा होमियोपैथी रिसर्च के लिए Central counselling की स्थापना की गई थी| आयुर्वेदिक दवाई खाने से कोई नुकसान नहीं होता है| आयुर्वेदिक दवाइयों के सेवन से कोई साइड इफेक्ट भी नहीं होते हैं| आयुर्वेद में बहुत सी पुरानी से पुरानी बीमारी का इलाज भी किया जाता है|आयुर्वेदिक् दवाई खाने से सबसे बड़ा फायदा यह होता हैं कि यह बीमारी को जड़ से और धीरे-धीरे खत्म करती है| यह कोर्स 2 साल का होता है|